Post Title:-कृषि इनपुट योजना क्या है?
Post Update:- 03/11/2021 | 11:50 PM
Short Information:- बिना मौसम के बारिश और बाढ़ की वजह से कई राज्यों के तीस जिलों में लाखो हैक्टेयर की फसल पानी में डूब गया या जलमग्न हो गया। इनमे से 17 ऐसे जिले थे जिनमे कई हजारों हेक्टेयर भूमि पर बुआई तक भी नही हो पाई थी। इस आपदा को मद्दे नज़र रखते हुए राज्य सरकार के द्वारा 1 लाख 41 हजार 227.71 हैक्टेयर भूमि के लिए किसानों को मुआवजा प्रदान करेगी। कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने दिनांक 28/10/2021(गुरुवार) को अपने अधिकारियों को यह निर्देश दिया है की बाढ़ और बारिश की वजह से जितने भी किसानों का नुकसान हुआ है उन्हे जल्द से जल्द मुआवजा राशि प्रदान की जाए। जिन किसानों की जमीन परती रह गई है उनको समय रहते कृषि इनपुट(क्षतिपूर्ति) अनुदान दिया जाएगा। आपको बता दे की परती भूमि के लिए आपको 6800 रूपये प्रति हैक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा। यह अधिकतम 2 हैक्टेयर के लिए दिया जाएगा।
आवेदन करने से पहले आवश्यक जानकारी पढ़ लें | |
* आवेदन देने के लिये OTP उनके पंजीकृत मोबाइल पर भेजा जाएगा, जो आवेदन के लिये आवश्यक एवं गोपनीय है| कृपया एक हीं मोबाइल संख्या का प्रयोग करें |
1. यदि किसान पंजीकरण संख्या नहीं है तो इस लिंक पर जाकर पंजीकरण करें – किसान पंजीकरण |
2. किसान पंजीकरण विवरणी मे कोई त्रुटि होने पर तो इस लिंक पर जाकर सुधार करें – किसान पंजीकरण संशोधन |
3. कृपया आवेदन सबमिट करने से पूर्व आवेदन के सभी सूचना को पुनः जांच ले | आवेदन फ़ाइनल सबमिट करने के बाद संसोधन की अनुमति नहीं है |
4. किसान का प्रकार रैयत होने की स्थिति मे भूमि विवरणी हेतु जमाबंदी पंजी की भाग संख्या एवं पृष्ट संख्या जानने के लिए इस लिंक पर जायें | – भाग संख्या एवं जमाबंदी पंजी की पृष्ट संख्या जाने |
5. रैयत किसान के लिए – अधिकतम धान की मात्रा 250 क्विंटल | गैर रैयत के लिए- अधिकतम धान की मात्रा 100 क्विंटल |
6. 1 नवम्बर 2021 से धान अधिप्राप्ति की शुरुआत हो रही है | धान अधिप्रप्ति के समय आप अपनी पसंद के किसी भी पैक्स या व्यापार मंडल पर धान बेच सकते है |
7. किसी भी तरह की तकनीकी समस्या होने पर 0612-2506307 से संपर्क करें |
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17 जिलों के किसानो को भी मिलेगा लाभ |
कृषि विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग से प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे 17 जिलों ( नालंदा, बक्सर, सारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, अररिया, तथा कटिहार) में परती रहे खेतो के लिए किसानों को कृषि इनपुट अनुदान के तहत 96 करोड़ रूपये का मांगपत्र भेजा था। आपदा प्रबंधन ने जब इस बात पे विचार किया तो पाया कि बाढ़ या अत्यधिक बारिश या फसल नहीं लगाए जाने की वजह से भूमि परती रह जाती है। तो इसमें किसानों को कृषि क्षतिपूर्ति के लिए अनुदान देने का नियम नहीं है। यह सिर्फ जिनका 33% से अधिक फसल बर्बाद होने के पश्चात ही मिलता है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा दिए गए आदेश का पालन करने के लिए आपदा तथा प्रबंधन विभाग ने राज्य आपदा रिस्पॉन्स कोष से अनुदान देने का निर्णय लिया है। असंचित फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रूपये प्रति हैक्टेयर तथा सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 रूपये प्रति हैक्टेयर तथा शास्वत फसल के लिए 18,000 रूपये हैक्टेयर की दर से कृषि क्षतिपूर्ति अनुदान दिया जाएगा।
किन-किन जिलों में फसल बर्बाद हुई है?
(बाढ़ के कारण 30 ऐसे जिले है जिनमे फसल की बरबादी हुई है ये जिले है ) |
मुजफ्फरपुर | खगड़िया | कटिहार | सीतामढ़ी |
पटना | नालंदा | मधेपुरा | बक्सर |
सहरसा | बेगुसराय | लखीसराय | सुपौल |
वैशाली | दरभंगा | मुंगेर | शेखपुरा |
पश्चिमी चंपारण | समस्तीपुर | मधुबनी | भागलपुर |
भोजपुर | अररिया | पूर्णिया | भभुआ |
जहानाबाद | गया | सारण | गोपालगंज |
सिवान | पूर्वी चंपारण | में फसल की बर्बादी हुई है। |
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